Posts

Showing posts from May, 2018

सीता राम|| सीता राम ||

Image
श्यामल तन है, श्यामल मन है, कैसे तुझको ढूंढूँ राम| ख़ूब बजाए शंख नगाड़े,  गया अयोध्या हर मंदिर राम || गंगा जमुना श्यामल हुई , धुले ना फिर भी पाप ओ राम|  हर पल जपता मैं सीता राम,  कभी ना मिलते तुम राजा राम || चंद्रशिल्ला में तप किया,  चित्रकूट में दान | कण कण में तेरा नाम,  फिर भी ना मिलते तुम राजा राम || वो कहते मुझको अज्ञानी,  तुमको बतालाते मिथ्या राम| किस पथ जाऊ कैसे समझाऊँ,  तुम्ही हो मेरे राजा राम || सुमरूँ मैं सुबहा-शाम,  किस लोक तुम अंतरध्यान  | नजर ना आओगे जब तक राम,  जपता रहूँगा सीता राम ||